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रोजगार क्षेत्र में आशुलिपि का महत्व
इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य भारत के युवाओं में व्यावसायिक कौशल को विकसित करना जिससे वह आशुलिपि, कार्यालय पद्धति एवं कम्प्यूटर का व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त कर विभिन्न सरकारी, निजी, लोक उपक्रमों अथवा निजी व्यवसाय में आशुलिपिक, कम्प्यूटर ऑपरेटर एवं कार्यालय सहायक के रूप में रोजगार के विभिन्न अवसर प्राप्त कर सकें।
आशुलिपि व्यवसाय द्वारा प्रशिक्षणार्थी विभिन्न सरकारी (केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकारों) सार्वजनिक क्षेत्र, न्यायिक एवं विधिक संस्थाओं में बहुमुखी रोजगार प्राप्त कर सकते हैं या निजी क्षेत्र में स्वरोजगार भी कर सकते हैं। प्रशिक्षणार्थी निम्न शैक्षाणिक एवं व्यावसायिक योग्यताओं के साथ निम्नलिखित रोजगारों की प्राप्ति कर सकता है-
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10 वीं अथवा 12 वीं उत्तीर्ण छात्र आशुलिपि में 80 शब्द प्रति मिनट की गति से पुलिस विभाग में, उपनिरीक्षक पुलिस (आशुलिपिक), आशुलिपिक, (स्टेनो), निम्न श्रेणी लिपिक (LDC). राजस्थान लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बीमा विभाग, रेलवें, न्याय विभाग एवं स्वायत्त संस्थाओं, निजी कार्यालयों, सचिवालय में स्टेनों टाइपिस्ट, कम्प्यूटर ऑपरेटर टाइपिस्ट, निजी सहायक एवं लिपिक के रूप में रोजगार प्राप्त कर सकता है साथ ही वह चाहे तो अपना स्वयं का प्रशिक्षण केन्द्र खोलकर निजी व्यवसाय द्वारा स्वरोजगार भी कर सकता है।
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स्नातक उत्तीर्ण छात्र आशुलिपि में 100-200 शब्द प्रति मिनट की गति से सरकारी व सार्वजनिक उपक्रमों में कार्यकारी सहायक, उच्च व्यैक्तिक सहायक, व्यावसायिक अनुदेशक, प्रशिक्षण अधिकारी, सहायक निदेशक (आशुलिपि), जे.टी.ओ. एवं न्यायपालिका में उच्च आशुलिपिक, पी.एस. जजमेंट राईटर, कोर्ट मास्टर इत्यादि के पदों हेतु योग्य होता है।
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स्नातक उत्तीर्ण छात्र आशुलिपि में व्यावसायिक योग्यता के साथ किसी भी उच्च कॉर्पोरेट सेक्टर, पब्लिक सेक्टर अथवा किसी भी प्रतिष्ठित व्यावसायिक संस्थान में अच्छी पदोन्नति के अवसर सहित उच्च अधिशाषी पदों की प्राप्ति कर सकता है।
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स्नातक उत्तीर्ण छात्र आशुलिपि में 140 शब्द प्रति मिनट की गति प्राप्त कर संसद, राज्यसभा, राज्य विधानसभा के प्रत्यक्ष चयन द्वारा रिपोर्टर का पद प्राप्त कर सकता है जो कि राजपत्रित होता है। आशुलिपि प्रशिक्षित छात्र सीधे ही कई विभागों में राजपत्रित पद प्राप्त कर सकते है, या पदोन्नति द्वारा भी राजपत्रित पद प्राप्त कर सकते हैं।